Logo

    भगवान शिव

    Explore " भगवान शिव" with insightful episodes like "कंकाली ताला मंदिर | देवगर्भा शक्तिपीठ - कंचन नगर, पश्चिम बंगाल", "Viral Video: Mahoba में महिला के पैरों से 3 घंटे तक लिपटा रहा King Cobra, देखिए फिर क्या हुआ", "विराट अंबिका शक्तिपीठ - भरतपुर, जयपुर" and "गंगा को धरती पर क्यों लाया गया?" from podcasts like ""51 Shaktipeeth with Nishtha", "Uttar Pradesh ki Khabrein", "51 Shaktipeeth with Nishtha" and "Ramayan Aaj ke Liye with Kavita Paudwal"" and more!

    Episodes (4)

    कंकाली ताला मंदिर | देवगर्भा शक्तिपीठ - कंचन नगर, पश्चिम बंगाल

    कंकाली ताला मंदिर | देवगर्भा शक्तिपीठ - कंचन नगर, पश्चिम बंगाल
    पश्चिम बंगाल में शांतिनिकेतन के पास ही बोलपुर में कोपाई नदी के किनारे स्थित है माता का कांची देवगर्भा कंकालिता शक्तिपीठ, माना जाता है कि भगवान शिव के तांडव के समय माता सती के शरीर का कंकाल यहां आकर गिरा, इतने शक्तिशाली प्रभाव के कारण यहां की धरती दब गई, पानी भर गया और एक कुंड का निर्माण हुआ. ये कुंड आज भी यहां स्थित है. माना जाता है कि कुंड के नीचे आज भी मां की अस्थियां स्थित है. कुंड के साथ ही माता का शक्तिपीठ मंदिर स्थापित है. यहां की शक्ति हैं मां देवगर्भा और भैरव को यहां रूरू के नाम से पूजा जाता है. स्थानीय लोग इस पवित्र मंदिर को 'कंकाल बाड़ी' रक्त टोला कंकालेश्वरी मंदिर और कंकाली ताला के नाम से भी पुकारते हैं. इस एपिसोड में सुनिए पुरानी कहानी.

    Viral Video: Mahoba में महिला के पैरों से 3 घंटे तक लिपटा रहा King Cobra, देखिए फिर क्या हुआ

    Viral Video: Mahoba में महिला के पैरों से 3 घंटे तक लिपटा रहा King Cobra, देखिए फिर क्या हुआ
    सोशल मीडिया पर एख वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक महिला के पैर में साप लिपटा हुआ है… हैरानी की बात हैं कि सांप महिला के पैर से 3 घंटे तक लिपटा रहा और उसे बिलकुल नुकसान नहीं पहुंचाया। महिला ने बताया कि वो भगवान शिव का जाप कर रही थी…

    विराट अंबिका शक्तिपीठ - भरतपुर, जयपुर

    विराट अंबिका शक्तिपीठ - भरतपुर, जयपुर
    अंबिका देवी विराट शक्तिपीठ सतयुग में देवी सती के बाए पैरो की उंगलियों का निपात हुआ था। यहां की शक्ति है मां अंबिका और भगवान शिव यहां भैरव अमृत के रूप में रहते है. इस मंदिर की मान्यता है की, महाभारत काल में जुए के खेल में कौरवों ने पांडवों को छल से हरा दिया। इसके चलते उन्हें 12 साल के वनवास और एक साल का अज्ञातवास मिला। तब पांडवो ने विराटनगर में ही अपना अज्ञातवास बिताया था उसी दौरान राजा युधिष्ठिर ने विराटनगर पहुंचकर इस शक्तिपीठ पर अपनी कुलदेवी का मानस पूजन किया था। कहते हैं की अज्ञातवास के समय देवी ने ही उन्हें विराटनगर रहने का आश्रय दिया था. इसके बाद से इसे मानस माता के रूप में भी जाना जाने लगा. पूरी कहानी सुनिए इस एपिसोड में।

    गंगा को धरती पर क्यों लाया गया?

    गंगा को धरती पर क्यों लाया गया?
    कई सालों तक, जब राजा सगर को अपने 60,000 पुत्रों और अश्वमेध घोड़े की कोई सूचना नहीं मिली तब उन्होंने अपने पोते, अंशुमान को उन सबको ढूंढ निकालने का आदेश दिया। सारे सुरागों की जाँच-परताल करने के बाद जब अंशुमान उस जगह पहुंचे जहाँ ऋषि कपिल ने उनके चाचाओं को भस्म किया था, तब उन्होंने अपने पूर्वजों को तर्पण या पानी देना चाहा। पर उन्हें वहाँ पानी का कोई स्त्रोत नहीं मिला। तब ब्रह्मदेव ने उन्हें गंगा को धरती पर लाने की सलाह दी। लेकिन जीवन बर तप करने के बावजूद उन्हें धरती पर गंगा लाने का कोई उपाय नहीं मिला। पीढ़ियों बाद भगीरथ ने इस काम को पूरा किया। पर कैसे, आये जानतें हैं इस episode में।
    Logo

    © 2024 Podcastworld. All rights reserved

    Stay up to date

    For any inquiries, please email us at hello@podcastworld.io