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    मंदिर

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    Episodes (7)

    कंकाली ताला मंदिर | देवगर्भा शक्तिपीठ - कंचन नगर, पश्चिम बंगाल

    कंकाली ताला मंदिर | देवगर्भा शक्तिपीठ - कंचन नगर, पश्चिम बंगाल
    पश्चिम बंगाल में शांतिनिकेतन के पास ही बोलपुर में कोपाई नदी के किनारे स्थित है माता का कांची देवगर्भा कंकालिता शक्तिपीठ, माना जाता है कि भगवान शिव के तांडव के समय माता सती के शरीर का कंकाल यहां आकर गिरा, इतने शक्तिशाली प्रभाव के कारण यहां की धरती दब गई, पानी भर गया और एक कुंड का निर्माण हुआ. ये कुंड आज भी यहां स्थित है. माना जाता है कि कुंड के नीचे आज भी मां की अस्थियां स्थित है. कुंड के साथ ही माता का शक्तिपीठ मंदिर स्थापित है. यहां की शक्ति हैं मां देवगर्भा और भैरव को यहां रूरू के नाम से पूजा जाता है. स्थानीय लोग इस पवित्र मंदिर को 'कंकाल बाड़ी' रक्त टोला कंकालेश्वरी मंदिर और कंकाली ताला के नाम से भी पुकारते हैं. इस एपिसोड में सुनिए पुरानी कहानी.

    श्रीलंका की दांबुला गुफा में है सोते हुए बुद्ध की 45 फीट लंबी प्रतिमा | Dambulla Cave Temple

    श्रीलंका की दांबुला गुफा में है सोते हुए बुद्ध की 45 फीट लंबी प्रतिमा | Dambulla Cave Temple
    दुनिया में कई ऐसी गुफाएं हैं, जो खुद में ढेरों रहस्य छिपाए हुए हैं। वहीं, कुछ गुफाएं अपनी बनावट से लोगों को आकर्षित करती हैं। ऐसी ही एक गुफा श्रीलंका के दांबुला शहर में है, जिसे केव टेंपल के नाम से जाना जाता है। यह गुफानुमा मंदिर है। जिस तरह भारत में अमरनाथ है, जहां हजारों तीर्थयात्री दूर-दूर से दर्शन के लिए आते हैं। केव टेंपल में किन देवताओं को पूजा जाता है और क्यों इसे यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल किया गया? सारी जानकारियां इस वीडियो में मिलेंगी, बस अंत तक बने रहें।

    विराट अंबिका शक्तिपीठ - भरतपुर, जयपुर

    विराट अंबिका शक्तिपीठ - भरतपुर, जयपुर
    अंबिका देवी विराट शक्तिपीठ सतयुग में देवी सती के बाए पैरो की उंगलियों का निपात हुआ था। यहां की शक्ति है मां अंबिका और भगवान शिव यहां भैरव अमृत के रूप में रहते है. इस मंदिर की मान्यता है की, महाभारत काल में जुए के खेल में कौरवों ने पांडवों को छल से हरा दिया। इसके चलते उन्हें 12 साल के वनवास और एक साल का अज्ञातवास मिला। तब पांडवो ने विराटनगर में ही अपना अज्ञातवास बिताया था उसी दौरान राजा युधिष्ठिर ने विराटनगर पहुंचकर इस शक्तिपीठ पर अपनी कुलदेवी का मानस पूजन किया था। कहते हैं की अज्ञातवास के समय देवी ने ही उन्हें विराटनगर रहने का आश्रय दिया था. इसके बाद से इसे मानस माता के रूप में भी जाना जाने लगा. पूरी कहानी सुनिए इस एपिसोड में।

    ताराचंडी शक्तिपीठ - सासाराम, बिहार

    ताराचंडी शक्तिपीठ - सासाराम, बिहार
    इस एपिसोड में हम जानेंगे कि नारायण ने किस जगह पर भस्मासुर का वध किया था और श्रीराम और भ्राता लक्ष्मण ने कैसे विद्या प्राप्त की और ताड़का का वध किया। हम आपको ले जाएंगे बिहार राज्य के रोहतास जिले के शहर सासाराम में, जहां ताराचण्डी शक्तिपीठ स्थित है। यह स्थान अपने प्राचीनतम और चमत्कारी इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। हम आपको मंदिर और शक्तिपीठ की महिमा के बारे में भी बताएंगे। यह सुनिश्चित करेगा कि आप अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए इस पवित्र स्थान का दर्शन करें।

    अंकोरवाट, जानें कहां है विश्व का सबसे बड़ा मंदिर | Angkor Wat

    अंकोरवाट, जानें कहां है विश्व का सबसे बड़ा मंदिर | Angkor Wat
    अगर आपसे कोई पूछे कि सबसे बड़ा मंदिर किस देश में है तो शायद आप कहेंगे कि सबसे ज्यादा हिंदू भारत में रहते हैं तो मंदिर भी यहीं ही होगा। लेकिन आप गलत होंगे क्योंकि सबसे बड़ा मंदिर कंबोडिया का अंकोरवाट है। आखिर दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर कंबोडिया में किसने बनवाया? यह किब और किसने बनवाया

    आरासुरी अम्बाजी शक्तिपीठ - जूनागढ़, गुजरात

    आरासुरी अम्बाजी शक्तिपीठ - जूनागढ़, गुजरात
    गुजरात के राजधानी गांधीनगर से 147 किलोमीटर और 3 घंटे की दूरी पर पर्वत की चोटी पर स्थित है अंबाजी शक्तिपीठ। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यहां माता के हृदय के एक भाग का निपात हुआ था। इस मंदिर में शक्ति को ‘कुमारी’ के रूप पूजा जाता है और शिव को ‘कालभैरव’ के रूप में पूजा जाता है। गुजरात में माता के तीन शक्तिपीठ स्थापित हैं - अम्बिका, कालिका तथा चंद्र भंगा प्रभास। अंबाजी मंदिर हर सुबह अंबे मां यंत्र के दर्शन के लिए खुलता है। गर्मियों एवं बारिश के दिनों में सुबह 7:00 से 9:00 तक मंदिर के दर्शन होते हैं जबकि सर्दियों में मंदिर में सुबह 7:00 बजे से 8:00 बजे तक ही दर्शन हो पाते हैं

    Khushi Aur Gham Ka Sajha Safar : Tirunelveli

    Khushi Aur Gham Ka Sajha Safar : Tirunelveli

    तमिलनाडु के दक्षिण में एक छोटी सी यात्रा शुरू हुई, उसके शहर तिरुनेलवेली से और ख़त्म हुई नागरकोइल में । यात्रा देश के कुछ सबसे सुन्दर इलाकों से होते हुए गुज़री। खूबसूरत मंदिर, हरे भरे खेत, पहाड़, साफ़ सुथरे गाँव और फिर पवन चक्कियों के फार्म जिन्हे अंग्रेजी में विन्डफ़ार्म्स कहते हैं। जहाँ दिर्श्य इतने सुन्दर थे वहीँ उनके पीछे की कहानियाँ जिनसे इंसान जुड़े थे वो उतनी ही निराशाजनक थीं। कहीं कॉलेज के अध्यापक अपने दिमागी खांचों में फंसे थे तो कहीं व्यपार के कुछ ऐसे नियम थे जो सारी समभावनाओं को ही खत्म कर रहे थे।

    A Journey of Beauty and Dejection: Tirunelveli

    The southern end of Tamil Nadu was the scene of a short journey from the temple town of Tirunelveli to Nagercoil just before Kanyakumari. It was a journey of contrasts; beautiful temples, rich heritage, amazing landscapes, and technological marvels presenting a visual treat in the form of windmills, but the interaction with academia and the story behind the glittering wind farms leave you sad and dejected.

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